पावर ऑफ कंपाउंडिंग : म्यूचुअल फंड और SIP में इसकी ताकत

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कंपाउंडिंग को “अर्थव्यवस्था व दुनिया का आठवां अजूबा” कहा गया है, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपकी मूल राशि और उसके ऊपर अर्जित ब्याज दोनों पर ब्याज अर्जित करने में मदद करती है. समय के साथ, यह छोटे निवेश को भी एक बड़ा धन बना सकता है. आइए, समझते हैं कि कंपाउंडिंग कैसे काम करती है और इसे म्यूचुअल फंड और SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में कैसे लागू किया जा सकता है.

कंपाउंडिंग क्या है?

कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके निवेश पर मिलने वाला ब्याज या रिटर्न, न केवल आपके मूल निवेश (प्रिंसिपल) पर बल्कि उस पर मिलने वाले ब्याज पर भी जुड़ता रहता है.

उदाहरण – यदि आप 10,000 रुपये 10% वार्षिक ब्याज दर पर निवेश करते हैं, तो पहले वर्ष के अंत में आपका निवेश 11,000 रुपये हो जाएगा, अगले वर्ष, ब्याज 11,000 रुपये पर लागू होगा और इस तरह आपका पैसा तेज़ी से बढ़ेगा.

10 प्रतिशत कंपाउंडिंग का उदाहरण –

वर्षप्रारंभिक राशि ब्याज कुल राशि
110,000 रुपये1,000 रुपये11,000 रुपये
211,000 रुपये1,100 रुपये12,100 रुपये
312,100 रुपये 1,210 रुपये13,310 रुपये
413,310 रुपये1,331 रुपये14,641 रुपये
514,641 रुपये1,464 रुपये16,105 रुपये
616,105 रुपये 1,611 रुपये17,716 रुपये
717,716 रुपये 1,772 रुपये19,488 रुपये
819,488 रुपये1,949 रुपये21,437 रुपये
921,437 रुपये2,144 रुपये23,581 रुपये
1023,581 रुपये2,358 रुपये25,939 रुपये

  • प्रारंभिक राशि: वह राशि जो आप निवेश करते हैं।
  • ब्याज: हर वर्ष अर्जित ब्याज, जो पिछले वर्ष की कुल राशि पर आधारित है।
  • कुल राशि: प्रारंभिक राशि + अर्जित ब्याज।

यह तालिका बताती है कि 10% वार्षिक ब्याज दर पर 10,000 रुपये का निवेश 10 वर्षों में 25,939 रुपये तक बढ़ सकता है, कंपाउंडिंग में हर साल ब्याज राशि बढ़ती है क्योंकि यह मूलधन और पहले अर्जित ब्याज दोनों पर लागू होती है.

म्यूचुअल फंड में कंपाउंडिंग कैसे होती है?

म्यूचुअल फंड में निवेश के दौरान, आपका पैसा अलग-अलग एसेट्स (जैसे इक्विटी, डेट) में निवेश किया जाता है, इनसे मिलने वाला रिटर्न पुनः निवेश होता है, जिससे कंपाउंडिंग प्रभाव पैदा होता है.

  • समय जितना अधिक होगा, कंपाउंडिंग का प्रभाव उतना ही बड़ा होगा
  • म्यूचुअल फंड में निवेश से मिलने वाला लाभ, पुन: निवेशित होता है जिससे रिटर्न बढ़ता है

SIP में कंपाउंडिंग क्या है?

SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में आप हर महीने या किसी निश्चित अवधि में एक निश्चित राशि निवेश करते हैं, कंपाउंडिंग का प्रभाव तब अधिक होता है जब आप लंबे समय तक नियमित निवेश करते हैं.

फायदे

  1. छोटे-छोटे निवेश का बड़ा लाभ
  2. नियमित निवेश के कारण बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है
  3. समय के साथ धन वृद्धि की संभावना

कंपाउंडिंग की शक्ति से बेहतर लाभ कैसे प्राप्त करें?

  1. जल्दी शुरू करें : कंपाउंडिंग का सबसे बड़ा मित्र समय है, जितना जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना अधिक लाभ मिलेगा
  2. लंबे समय तक निवेश करें : अपने निवेश को लंबे समय तक बनाए रखें
  3. रिइन्वेस्टमेंट करें : लाभांश को पुन: निवेश करें ताकि कंपाउंडिंग प्रभाव बढ़ सके
  4. नियमितता बनाए रखें : SIP जैसे साधनों का उपयोग करें
  5. महंगाई का ध्यान रखें : अपने रिटर्न को महंगाई दर के मुकाबले देखें

कंपाउंडिंग और साधारण ब्याज में क्या अंतर है?

साधारण ब्याज केवल मूलधन पर ब्याज देता है, जबकि कंपाउंडिंग मूलधन और अर्जित ब्याज दोनों पर ब्याज देती है.

क्या कंपाउंडिंग म्यूचुअल फंड में ही काम करती है?

हीं, कंपाउंडिंग हर प्रकार के निवेश में काम करती है, जैसे बैंक एफडी, रियल एस्टेट, या स्टॉक्स

क्या मैं कभी भी कंपाउंडिंग का फायदा उठाना शुरू कर सकता हूं?

हां, लेकिन जितना जल्दी आप शुरू करेंगे, उतना अधिक लाभ मिलेगा

क्या कंपाउंडिंग बाजार के जोखिमों को कम कर सकती है?

नहीं, लेकिन लंबे समय तक निवेश करने से बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो सकता है

कंपाउंडिंग एक ऐसा जादू है जो छोटे-छोटे निवेश को बड़ी रकम में बदल सकता है, चाहे आप SIP में निवेश करें या एकमुश्त तरीके से म्यूचुअल फंड में निवेश करें, कंपाउंडिंग का सही उपयोग करके आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकते हैं, इसलिए, जल्दी शुरू करें और अपने पैसे को समय का साथ देकर बढ़ने दें.

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