आज निवेश की दुनिया में म्यूचुअल फंड का नाम काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है, महीने दर महीने म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में अगर आप म्यूचुअल फंड से अनजान हैं तो जल्द ही इसके बारे में ढूँढना शुरु करें, जानकारी एकत्रित करें और अपनी आवश्यकताओं और क्षमता के अनुसार निवेश करें,
Mutual Fund एक सुनहरा अवसर है उन निवेशकों के लिए जो छोटी-मोटी बचत कर अच्छा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं, चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से म्यूचुअल फंड क्या है समझें की कोशिस करते हैं.
म्यूचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड एक तरह का निवेश होता है, जिसमें कई लोगों का पैसा इकट्ठा किया जाता है और इसे विशेषज्ञ फंड मैनेजर द्वारा अलग-अलग जगहों पर निवेश किया जाता है, जैसे कि शेयर बाजार, बॉन्ड, या अन्य प्रकार की संपत्तियों में, इसे ऐसे समझिये जैसे आप दोस्तों के साथ मिलकर किसी चीज़ में पैसा लगाते हैं, वैसे ही म्यूचुअल फंड में कई लोग मिलकर पैसा लगाते हैं,
आपका पैसा एक विशेषज्ञ (फंड मैनेजर) संभालता है, जो जानकार होता है कि पैसा कहां और कैसे लगाना चाहिए, एक बात और याद रखें की म्यूचुअल फंड निवेश में जोखिम भी शामिल है.
सरल शब्दों में कहें तो – मान लीजिए, आपने 5000 रुपये किसी म्यूचुअल फंड में डालें, फंड मैनेजर उस पैसे को शेयर, बॉन्ड या अन्य जगहों पर निवेश करेगा, जो भी मुनाफा या नुकसान होगा, वह आपके निवेश के अनुपात में आपको मिलेगा. म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो शेयर बाजार को गहराई से नहीं समझते, लेकिन अपने पैसे को बढ़ाना चाहते हैं.
भारत में इस समय 44 म्यूचुअल फंड कम्पनियाँ है जिसमे से सबसे बड़ी और सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) है जोकि लोगों के 10 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक मैनेज करती है, म्यूचुअल फंड की अन्य सभी जानकारी आप https://www.amfiindia.com/ पर प्राप्त कर सकते हैं अगर आप AMC नाम लिस्ट देखना चाहते हैं तो इस लिंक का उपयोग करें – AMC list
म्यूचुअल फंड से कमाई कैसे होती है?
म्यूचुअल फंड की कमाई को समझें के लिए तीन चरणों को समझें – डिविडेंड या ब्याज – जब म्यूचुअल फंड आपके पैसे को शेयरों या बॉन्ड्स में लगाता है, तो जो मुनाफा (डिविडेंड) या ब्याज मिलता है, वह आपके पास आता है जैसे – आपने 10,000 रुपये का निवेश किया और मुनाफे के रूप में 500 रुपये का डिविडेंड मिला.
निवेश की कीमत बढ़ना (कैपिटल गेन) – अगर म्यूचुअल फंड ने जिन संपत्तियों में पैसा लगाया है, उनकी कीमत बढ़ जाती है, तो आपके निवेश की कुल वैल्यू भी बढ़ जाती है, जैसे – आपने 10,000 रुपये लगाए, और कुछ समय बाद इसकी कीमत बढ़कर 12,000 रुपये हो गई, यह 2,000 रुपये आपका कैपिटल गेन है.
योजना बेचने पर मुनाफा (रेडम्पशन) – जब आप अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचते हैं, तो आपको यूनिट्स की वर्तमान कीमत (नेट एसेट वैल्यू – NAV) के अनुसार पैसा मिलता है, अगर कीमत बढ़ी हुई है, तो आपको मुनाफा होगा, उदाहरण आपने 10 रुपये की NAV पर 100 यूनिट खरीदीं (कुल 1,000 रुपये) कुछ समय बाद NAV 15 रुपये हो गई, अब 100 यूनिट्स बेचने पर आपको 1,500 रुपये मिलेंगे यानी 500 रुपये का फायदा होगा.
याद रखें – म्यूचुअल फंड की कमाई बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है, इसलिए इसमें जोखिम भी होता है, कुछ योजनाएँ लंबी अवधि में बेहतर मुनाफा देती हैं.
म्यूचुअल फंड के प्रकार
जैसे-जैसे आप म्यूचुअल फंड के बारीकियों को समझते चले जायेंगें, यह रिटर्न, रिस्क, निवेश लक्ष्य, आदि के आधार पर कई तरह के हैं, हालांकि हम यहाँ म्यूचुअल फंड के मुख्य प्रकारों को बता रहे हैं –
- इक्विटी फंड: शेयर बाजार में निवेश, ज्यादा मुनाफा लेकिन जोखिम भी ज्यादा
- डेट फंड: बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटी में निवेश, कम जोखिम और स्थिर रिटर्न
- हाइब्रिड फंड: शेयर और बॉन्ड दोनों में निवेश, बैलेंस्ड जोखिम और रिटर्न
- लिक्विड फंड: शॉर्ट-टर्म निवेश के लिए, जल्दी पैसे निकाल सकते हैं
- ईएलएसएस (टैक्स सेविंग फंड): टैक्स बचाने के लिए, 3 साल का लॉक-इन पीरियड
म्यूचुअल फंड कितने साल का होता है?
म्यूचुअल फंड की एक खासियत यह है की इसमें कोई तय निवेश सीमा नहीं है, आप जब तक चाहें निवेश कर सकते हैं और जब चाहें अपना निवेश बाहर निकाल सकते हैं, यह आपके जरूरत और निवेश योजना पर निर्भर करता है, हालांकि कुछ फंड्स के लिए तय सीमा है. ओपन-एंडेड फंड – इसमें आप कभी भी निवेश कर सकते हैं और कभी भी निवेश बाहर निकाल सकते हैं. क्लोज-एंडेड फंड – यह एक निश्चित अवधि तक लॉक रहती है जैसे 3 साल, 5 साल, 10 साल. ईएलएसएस (टैक्स सेविंग फंड) – टैक्स सेविंग फंड्स में 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है, उसके बाद आप कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं.
म्यूचुअल फंड के क्या नुकसान हैं?
यूँ तो म्यूचुअल फंड एक अच्छा निवेश विकल्प है परन्तु इसके कुछ नुकशान हैं – म्यूचुअल फंड का पैसा शेयर बाजार और अन्य निवेशों में लगता है नतीजा अगर बाजार में गिरावट आती है तो आपको नुकशान उठाना पड़ सकता है,
म्यूचुअल फंड मैनेजर को फीस देनी पड़ती है क्योंकि वह आपके फंड को मैनेज करता है, नतीजा फ़ीस देना पड़ता है जो आपके कमाई को कम करता है.
म्यूचुअल फंड में रिटर्न तय नहीं होता, यह बाजार की चाल पर निर्भर करता है, नतीजा फायदा व नुकसान हो सकता है.
म्यूचुअल फंड से अच्छे रिटर्न के लिए लंबे समय तक पैसा लगाना पड़ता है, यानी आपको लम्बे समय तक सब्र करना होता है.
कुछ फंड, जैसे क्लोज-एंडेड और ईएलएसएस, में पैसा निकालने के लिए आपको इन्तेजार करना पड़ता है क्योंकि इन फंड्स में लॉक इन पीरियड होता है.
अगर आप बिना योजना के निवेश करते हैं, तो गलत फंड चुन सकते हैं, इससे आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है, इसलिए निवेश से पहले अच्छे से रिसर्च करें और किसी रजिस्टर्ड एक्सपर्ट से सलाह लें. अगर आप समझदारी से फंड चुनते हैं तो अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं.
पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
सबसे पहले अपना निवेश लक्ष्य तय करें – शॉर्ट-टर्म (1-3 साल) : जैसे घर खरीदना या शादी, लॉन्ग-टर्म (5+ साल) : जैसे रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई.
अपनी जोखिम क्षमता पहचाने – कम जोखिम : डेट या लिक्विड फंड चुनें, मध्यम जोखिम : हाइब्रिड फंड सही हैं, ज्यादा जोखिम : इक्विटी फंड से लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न.
केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी करें – डॉक्युमेंट्स : आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो, यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है.
SIP से निवेश की शुरुआत करें – छोटे-छोटे निवेश करें (500 रुपये या 1,000 रुपये हर महीने से)
डायरेक्ट या रेगुलर प्लान चुनें : डायरेक्ट प्लान यानी खुद फंड में निवेश करें (कम खर्च), रेगुलर प्लान यानि एजेंट या सलाहकार के जरिए निवेश (थोड़ा महंगा)
पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए अपने लक्ष्य और जोखिम को समझकर सही फंड चुनें, SIP से शुरुआत करना बेस्ट है, निवेश के बाद धैर्य रखें, यह आपकी वित्तीय यात्रा का एक शानदार कदम हो सकता है.
1 साल के लिए कौन सा म्यूचुअल फंड अच्छा है?
वैसे तो अच्छे रिटर्न के लिए लम्बे समय का निवेश बेस्ट होता है, परन्तु 1 साल के लिए आप ब्लूचिप फंड्स, डेट फंड्स में निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड सीधे कैसे खरीदें?
फंड की ऑफिसियल वेबसाइट, एप या RTA की साइट या किसी फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं, आप चाहें तो पास के किसी ब्रांच में विजिट कर सकते हैं.
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा म्यूचुअल फंड डायरेक्ट है या रेगुलर?
इसके लिए आपको जिस भी स्कीम में निवेश किया है उसका अकाउंट स्टेटमेंट चेक करना होगा, अकाउंट स्टेटमेंट AMC से या RTA (जैसे CAMs, कार्वी आदि) से प्राप्त किया जा सकता है, अगर आपने डायरेक्ट प्लान लिया है तो योजना के शुरुवात में डायरेक्ट लिखा होगा, अगर रेगुलर प्लान है तो शुरुवात में रेगुलर लिखा होगा.
क्या मैं हर महीने 1000 रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता हूँ?
जी बिल्कुल कई म्यूचुअल फंड योजनाओं में महज 100 रुपये से एसआईपी के माध्यम से निवेश किया जा सकता है. अधिकांश में 500 से, ऐसे में लगभग सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1000 रुपये से निवेश किया जा सकता है.
म्यूचुअल फंड संबंधित सवालों के जवाब के लिए कॉमेंट करें – हो सके तो इस आर्टिकल को अपने परिजनों तक शेयर करें – धन्यवाद .
नमस्कार, मेरा नाम सत्यजित सिंह है, मै म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, एलआईसी एजेंट और वेब कंटेट क्रियेटर हूँ, मैंने म्यूचुअल फंड, स्टॉक, इन्सुरेंस और बिजनेस से संबंधित हजारों आर्टिकल लिखें हैं, निवेश संबंधित खबरों के लिए आप मुझसे जुड़ सकते हैं – धन्यवाद