मौत के बाद म्यूचुअल फंड कैसे मिलेगा? नॉमिनी हो या नहीं, जानिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस

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म्यूचुअल फंड में निवेश करना आजकल बहुत आम हो गया है. लोग अपने भविष्य के लिए पैसे बचाने और बढ़ाने के लिए इसमें पैसा लगाते हैं. लेकिन एक सवाल जो बहुत कम लोग सोचते हैं, अगर निवेश करने वाले व्यक्ति की अचानक मौत हो जाए, तो उसका म्यूचुअल फंड क्या होता है?

इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब दे रहे हैं –

सबसे पहले – क्या आपने नॉमिनी का नाम जोड़ा है?

जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको एक नामिनी (Nominee) जोड़ने का विकल्प मिलता है. ये वही व्यक्ति होता है जिसे आपकी मृत्यु के बाद आपके फंड्स का हक मिलेगा

  • अगर नॉमिनी जोड़ा गया है, तो क्लेम की प्रक्रिया आसान हो जाती है
  • अगर नॉमिनी नहीं जोड़ा है, तो थोड़ा कानूनी झंझट बढ़ सकता है – लेकिन पैसा फंसेगा नहीं

अगर नॉमिनी है, तो प्रक्रिया क्या होगी?

नॉमिनी म्यूचुअल फंड कंपनी को निवेशक की मृत्यु की जानकारी देगा

कुछ डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे –

  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • नॉमिनी का ID और एड्रेस प्रूफ
  • क्लेम फॉर्म
  • फोलियो नंबर वगैरह

फंड कंपनी दस्तावेज़ देखकर फंड नॉमिनी के नाम ट्रांसफर कर देती है

नॉमिनी चाहे तो पैसा निकाल सकता है या निवेश जारी रख सकता है.

अगर नॉमिनी नहीं है, तो क्या होगा?

अगर आपने नॉमिनी नहीं जोड़ा है, तो आपकी मृत्यु के बाद कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heir) आपका पैसा क्लेम कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें ये डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे –

  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • कानूनी वारिस प्रमाण पत्र या वसीयत
  • ID और एड्रेस प्रूफ
  • फोलियो डिटेल्स
  • क्लेम फॉर्म

थोड़ा समय ज़रूर लगेगा, लेकिन पैसा मिलेगा

नॉमिनी और वसीयत में फर्क समझें

बहुत से लोग सोचते हैं कि नॉमिनी ही पैसा पाने वाला होता है, लेकिन असल में –

  • नॉमिनी सिर्फ एक ट्रस्टी होता है – जिसे पैसा मिलता है ताकि वो असली मालिकों (जैसे बच्चे, पत्नी आदि) को बाँट सके अगर
  • वसीयत बनी है, तो पैसा वसीयत के मुताबिक बाँटा जाएगा चाहे नॉमिनी कोई और ही क्यों न हो

क्या म्यूचुअल फंड का पैसा फंस सकता है?

नहीं, अगर सही तरीके से दस्तावेज़ दिए जाएं और प्रक्रिया फॉलो की जाए तो पैसा फंसता नहीं है।

  • लेकिन ध्यान रखें –
  • निवेश करते समय नॉमिनी ज़रूर जोड़ें
  • अगर आपके पास कई निवेश हैं, तो एक वसीयत जरूर बना लें

मौत अनिश्चित है, लेकिन तैयारी हमारे हाथ में है, अपने परिवार को भविष्य की झंझट से बचाने के लिए नॉमिनी और वसीयत जैसी छोटी लेकिन जरूरी चीज़ें अभी करें.

क्या म्यूचुअल फंड में नॉमिनी जरूरी है?

हाँ, नॉमिनी जोड़ना जरूरी नहीं है, लेकिन बहुत फायदेमंद होता है। इससे मृत्यु के बाद क्लेम प्रक्रिया आसान हो जाती है.

अगर नॉमिनी नहीं है तो क्या म्यूचुअल फंड का पैसा फंस जाएगा?

नहीं, पैसा फंसेगा नहीं। लेकिन आपके परिवार को कानूनी दस्तावेज़ों और प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा, जिससे समय ज्यादा लग सकता है.

क्या म्यूचुअल फंड नॉमिनी को ही पैसा मिलेगा?

नॉमिनी पैसा जरूर प्राप्त करता है, लेकिन वो लीगल ओनर नहीं होता। वसीयत या उत्तराधिकारी तय करते हैं कि पैसा किसका होगा

क्या ऑनलाइन म्यूचुअल फंड में भी यही प्रक्रिया है?

हाँ, चाहे आपने ऑफलाइन या ऐप/वेबसाइट से निवेश किया हो, ट्रांसमिशन प्रोसेस समान होती है

क्लेम प्रोसेस में कितना समय लगता है?

अगर दस्तावेज़ पूरे हैं, तो आमतौर पर 7-15 कार्यदिवस में पैसा ट्रांसफर हो जाता है.

यह पढ़ें : 3 साल में रॉकेट जैसी ग्रोथ देने वाले 7 म्यूचुअल फंड्स

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