SEBI Update : अब म्यूचुअल फंड निवेशकों के पास 10 नॉमिनी व्यक्ति चुनने का अधिकार

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड और डीमैट खातों के लिए नए नामांकन नियमों की घोषणा की है, इसका उद्देश्य बिना दावा किए गए संपत्तियों को कम करना और निवेशकों की बेहतर प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करना है, खासकर के बीमारियों या किसी निवेशक की मृत्यु के बाद होने वाली समस्यांओं के निपटारा के लिए

मुख्य बदलाव

नामांकित व्यक्तियों की जानकारी – अब निवेशकों को अपने नामांकित व्यक्तियों के बारे में अधिक जानकारी देनी होगी, इसमें नामांकित व्यक्ति का पैन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर या आधार के आखिरी चार अंक, संपर्क विवरण और निवेशक से उनका संबंध शामिल होंगे

नामांकित व्यक्तियों की संख्या – निवेशक अब म्यूचुअल फंड खाता में 10 तक नामांकित व्यक्तियों को नामित कर सकते हैं.

संयुक्त खाता या फोलियो के ट्रांसमिशन के नियम – यदि एक संयुक्त खाता या फोलियो ट्रांसफर किया जाता है, तो नामांकित व्यक्तियों को दो विकल्प मिलेंगे : वे या तो अन्य नामांकित व्यक्तियों के साथ संयुक्त धारक के रूप में जारी रह सकते हैं या अपना व्यक्तिगत खाता खोल सकते हैं.

मृत्यु के बाद संपत्ति का ट्रांसमिशन – किसी निवेशक की मृत्यु के बाद संपत्ति नामांकित व्यक्ति को ट्रांसफर करने के लिए केवल दो दस्तावेजों की आवश्यकता होगी : मृतक के मृत्यु प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रति और नामांकित व्यक्ति का KYC विवरण अपडेट करना

ऑनलाइन और ऑफलाइन नामांकन विकल्प

SEBI ने यह सुनिश्चित किया है कि निवेशक नामांकन फॉर्म को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमा कर सकें, ऑनलाइन नामांकन के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट या आधार-आधारित ई-हस्ताक्षर का उपयोग किया जाएगा

हर नामांकन सबमिट करने के बाद निवेशक को एक स्वीकृति प्राप्त होगी, चाहे नामांकन ऑनलाइन किया हो या ऑफलाइन

असामर्थ निवेशकों के लिए विशेष प्रावधान

अगर कोई निवेशक शारीरिक रूप से असमर्थ है, तो उस निवेशक का कोई एक नामांकित व्यक्ति उनकी फोलियो का संचालन कर सकता है, यह नामांकित व्यक्ति यह तय कर सकता है कि अन्य नामांकित व्यक्तियों को कितने पैसे मिलेंगे

इसके अलावा, असामर्थ निवेशक की मंजूरी लेने के लिए एएमसी (Asset Management Company) को व्यक्तिगत रूप से उस निवेशक से मिलकर उनकी मंजूरी लेना होगी, इसके लिए उस निवेशक का अंगूठे का निशान या अन्य पहचान चिह्न लिया जाएगा, ताकि उनकी मंजूरी सही तरीके से साबित हो सके.

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