आमतौर पर हम इक्विटी म्यूचुअल फंड का चुनाव इसलिए करते है ताकि अपने निवेश पर अधिक से अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकें, इसके अलावा कई निवेशक म्यूचुअल फंड में एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य, यानी टैक्स बचत के लिए भी निवेश करते हैं. ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाने वाले निवेशक आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.
आज हम एक ऐसे ELSS फंड के बारे में बात करेंगे जो SBI म्यूचुअल फंड का हिस्सा है, यह है SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड – रेगुलर प्लान, इस योजना का एसआईपी और एकमुश्त निवेश दोनों दमदार रहा है.
Contents
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड | डिटेल |
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लॉन्च की तारीख | 31 मार्च, 1993 |
प्रकार | ओपन-एंडेड ELSS (3 साल का लॉक-इन पीरियड) |
बेंचमार्क | BSE 500 TRI |
फंड मैनेजर | दिनेश बालाचंद्रन |
कुल एसेट्स (AUM) | ₹27,797.95 करोड़ (31 दिसंबर, 2024 तक) |
एक्सपेंस रेशियो | रेगुलर प्लान – 1.60% |
जोखिम स्तर | बहुत उच्च (Very High) |
न्यूनतम निवेश राशि | 500 रूपये |
लॉक-इन अवधि | 3 साल |
एग्जिट लोड | कोई नहीं |
लॉन्च के बाद से रिटर्न (CAGR) | 16.97% |
SIP रिटर्न (17 साल) | 15.95% वार्षिक |
10,000 का मासिक SIP से 93 लाख
अगर किसी निवेशक ने 17 साल पहले SBI Long Term Equity Fund में 10,000 रुपये का मासिक SIP शुरू किया होता, तो यह निवेश 93 लाख में बदल जाता,
1 लाख बना 1.28 करोड़ रुपये
अगर किसी ने 31 साल पहले, जब इस योजना की शुरुआत हुई थी, 1 लाख रुपये का निवेश किया होता, तो वह रकम अब 1.28 करोड़ रुपये हो चुकी होती
अलग-अलग अवधि में योजना का रिटर्न
समयावधि | रिटर्न (CAGR) |
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1 साल | 18.98% |
3 साल | 22.25% |
5 साल | 22.66% |
10 साल | 13.65% |
स्रोत | SBI फैक्टशीट, वैल्यू रिसर्च |
योजना की टॉप होल्डिंग्स
- HDFC बैंक
- महिंद्रा एंड महिंद्रा
- रिलायंस इंडस्ट्रीज
- भारती एयरटेल
- TCS
सेक्टोरल अलोकेशन
- फाइनेंशियल सर्विसेज: 27.15%
- इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी: 13.82%
- कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी: 12.65%
- इंडस्ट्रियल्स: 12.03%
- एनर्जी और यूटिलिटी: 7.79%
यह फंड ग्रोथ-ओरिएंटेड उद्योगों में बैलेंस्ड इन्वेस्टमेंट सुनिश्चित करता है.
कौन करें निवेश?
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो लंबी अवधि में ग्रोथ के साथ टैक्स बचत का लाभ चाहते हैं. हालांकि, यह फंड “बहुत उच्च जोखिम” श्रेणी में आता है. इसलिए, निवेशकों को अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करने के बाद ही निवेश करना चाहिए.
डिस्क्लेमर : यह जानकारी केवल शैक्षिक और जानकारी के उद्देश्य से प्रदान की गई है. म्यूचुअल फंड्स में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश करने से पहले योजना से जुड़े सभी दस्तावेज ध्यानपूर्वक पढ़ें, पिछले प्रदर्शन की गारंटी भविष्य के रिटर्न के लिए नहीं दी जा सकती। निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और सलाहकार की मदद से निवेश निर्णय लेने की सलाह दी जाती है.

नमस्कार, मेरा नाम सत्यजित सिंह है, मै म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, एलआईसी एजेंट और वेब कंटेट क्रियेटर हूँ, मैंने म्यूचुअल फंड, स्टॉक, इन्सुरेंस और बिजनेस से संबंधित हजारों आर्टिकल लिखें हैं, निवेश संबंधित खबरों के लिए आप मुझसे जुड़ सकते हैं – धन्यवाद