अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को नए फंड ऑफर (NFO) से जुटाए गए पैसे को यूनिट आवंटन के 30 कारोबारी दिनों के भीतर निवेश करना होगा
अगर इसमें देरी होती है, तो निवेश समिति की मंजूरी से 30 दिनों की अतिरिक्त छूट मिलेगी, 60 दिनों के भीतर फंड नहीं लगाने पर नए निवेश पर रोक, निवेशकों के लिए बिना शुल्क निकासी और अनिवार्य सूचना देनी होगी.
डिस्ट्रिब्यूटर कमीशन पर सख्ती
SEBI ने म्यूचुअल फंड वितरकों द्वारा गलत बिक्री रोकने के लिए नया नियम लागू किया है. अगर कोई निवेशक मौजूदा स्कीम से NFO में शिफ्ट करता है, तो वितरकों को दोनों स्कीमों में मिलने वाले कमीशन में से कम राशि ही दी जाएगी, इससे वितरकों को केवल ज्यादा कमीशन के लिए NFO बेचने से रोका जाएगा.
स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) की शुरुआत
SEBI ने म्यूचुअल फंड और PMS के बीच एक नई शकैटेगरी ‘SIF’ लॉन्च की है. इसे केवल वही AMC लॉन्च कर सकती हैं, जिनका तीन साल का अनुभव और कम से कम 10,000 करोड़ रुपये AUM हो, SIF में निवेशकों को इक्विटी, डेट और हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट जैसी लचीली रणनीतियों में निवेश का मौका मिलेगा, इसमें न्यूनतम निवेश 10 लाख रुपये होगा
DigiLocker में निवेश ट्रैकिंग की सुविधा
1 अप्रैल 2025 से निवेशक अपने डिमैट और म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट को DigiLocker में सुरक्षित रख सकेंगे, इससे लावारिस निवेश घटेंगे और नॉमिनी को संपत्तियों की जानकारी पाना आसान होगा
नए नियमों का असर
SEBI के ये बदलाव निवेशकों के हित में हैं, इससे फंड समय पर निवेश होगा, गलत बिक्री पर रोक लगेगी, SIF के जरिए वैकल्पिक निवेश के अवसर मिलेंगे और DigiLocker के जरिए निवेश ट्रैकिंग आसान होगी, ये बदलाव म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाएंगे.
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नमस्कार, मेरा नाम सत्यजित सिंह है, मै म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, एलआईसी एजेंट और वेब कंटेट क्रियेटर हूँ, मैंने म्यूचुअल फंड, स्टॉक, इन्सुरेंस और बिजनेस से संबंधित हजारों आर्टिकल लिखें हैं, निवेश संबंधित खबरों के लिए आप मुझसे जुड़ सकते हैं – धन्यवाद