अमेरिका ने नए टैक्स (टैरिफ्स) लगाकर ग्लोबल ट्रेड (वैश्विक व्यापार) में बवाल मचा दिया है. इसी के चलते Axis Mutual Fund ने अपनी रणनीति बदल दी है. अब वे घरेलू कंपनियों (Domestic Sectors) में ज्यादा निवेश कर रहे हैं और एक्सपोर्ट वाली कंपनियों से दूरी बना रहे हैं.
क्यों बदली रणनीति?
Axis MF के इक्विटी हेड श्रेयस देवलकर का कहना है कि ग्लोबल अनिश्चितता बहुत बढ़ गई है. IT और Auto Parts जैसी कंपनियां, जो विदेशी बाजारों पर निर्भर हैं, अब ज्यादा जोखिम में हैं.
“अगर अमेरिकी कंपनी आज कोई सामान नहीं मंगवाती क्योंकि टैरिफ ज्यादा है, तो वो 15 दिन बाद क्या करेगी, पता नहीं। ये अनिश्चितता बहुत भारी पड़ सकती है” – देवलकर
अब निवेश कहां हो रहा है?
Axis MF अब इन सेक्टर्स पर फोकस कर रहा है –
- फाइनेंशियल सर्विसेस (बैंकिंग वगैरह)
- कंजम्प्शन (घरेलू खर्च जैसे FMCG)
- इन्फ्रास्ट्रक्चर (सड़कें, बिजली, निर्माण)
ये सेक्टर देश के अंदर मजबूत हैं और ग्लोबल बवाल से कम प्रभावित होते हैं
वैल्यूएशन का क्या मामला है?
देवलकर कहते हैं कि कई स्टॉक्स अभी भी कोविड से पहले की उम्मीदों पर टिके हुए हैं, जबकि हकीकत में ग्रोथ स्लो हो चुकी है – खासकर IT सेक्टर में
“जब भी विदेशी क्लाइंट फैसले लेने में झिझकते हैं, IT सेक्टर को नुकसान उठाना पड़ता है – चाहे वैल्यूएशन कुछ भी हो
अब निवेशक क्या करें?
- शॉर्ट-टर्म मुनाफा छोड़िए,
- घरेलू कंपनियों पर भरोसा कीजिए,
- और कम से कम 2–3 साल की सोच के साथ निवेश कीजिए
सीधा मतलब
अब ‘वोकल फॉर लोकल’ सिर्फ नारा नहीं है, ये निवेश की नई रणनीति बन चुकी है, अगर आप भी निवेश कर रहे हैं, तो ध्यान रखिए – ग्लोबल नहीं, लोकल सोचिए.

नमस्कार, मेरा नाम सत्यजित सिंह है, मै म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, एलआईसी एजेंट और वेब कंटेट क्रियेटर हूँ, मैंने म्यूचुअल फंड, स्टॉक, इन्सुरेंस और बिजनेस से संबंधित हजारों आर्टिकल लिखें हैं, निवेश संबंधित खबरों के लिए आप मुझसे जुड़ सकते हैं – धन्यवाद